पुराने वाहनों को सड़कों से हटाने पर आप ने जताया आक्रोश कहा-कार कंपनियों को लाभ पहुंचाने का काम कर रही सरकार

नई दिल्ली। वायु प्रदूषण को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने 10 वर्ष से पुराने डीजल वाहनों और 15 वर्ष से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों को सड़कों से हटाने का निर्णय लिया है। दावा है कि इससे अकेले दिल्ली में 62 लाख वाहनों पर असर पड़ेगा। दिल्ली सरकार ने इसे पुरजोर तरीके से लागू करते हुए दिल्ली के सभी पेट्रोल पंपों पर पुराने वाहनों को ईंधन न देने का आदेश जारी कर दिया है। ऐसे वाहनों को मौके पर जब्त किया जा रहा है। इन वाहनों के मालिकों पर दस हजार का जुर्माना भी किया जा रहा है।
जाहिर है कि इससे लोग अपने पुराने वाहनों का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। लोगों को नए वाहनों को खरीदना पड़ेगा और इसका सीधा लाभ कार-मोटरसाइकिल बनाने वाली कंपनियों को होगा। सरकार के इस फैसले से लोगों में नाराजगी है, वहीं सरकार के इस दावे पर विपक्ष ने भी हमलावर रुख अपनाया है।
मनीष सिसोदिया ने बोला हमला
आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया ने बुधवार को कहा कि वाहनों को केवल उनके पुराने होने के आधार पर प्रदूषण पैदा करने वाला करार नहीं दिया जा सकता। यह गाड़ियों की स्थिति पर निर्भर होती है। कई बार उचित देखरेख न होने पर नई गाड़ियों से भी प्रदूषण होने लगता है, वहीं अच्छी देखरेख में रखने पर पुराने वाहन भी प्रदूषण नहीं करते। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने कार कंपनियों को जानबूझकर लाभ पहुंचाने के लिए इस तरह का निर्णय लिया है। उन्होंने इसे लोगों के हितों के साथ समझौता बताया।
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी मारलेना ने कहा कि बीजेपी सरकार का यह आदेश निराधार और तर्कहीन है। किसी गाड़ी की उम्र और उसके द्वारा हो रहे प्रदूषण से कोई लेना-देना नहीं है। अगर गाड़ियों को अच्छे से मेंटेन किया जाए, तो वे पुरानी होने के बावजूद प्रदूषण नहीं करतीं। गाड़ी पुरानी होने का मतलब यह नहीं कि वह अधिक इस्तेमाल की गई है। कई गाड़ियां सात साल में तीन लाख किलोमीटर चल चुकी होती हैं, जबकि कई 15 साल में भी 50,000 किलोमीटर से ज्यादा नहीं चली हों। ऐसे में सरकार का यह आदेश पूरी तरह गलत है।