अखाड़ा परिषद की बैठक में गूंजेगा कुंभ स्वरूप का मुद्दा, संतों में नाराजगी

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हरिद्वार:  2021 महाकुंभ का स्वरूप क्या होगा? अभी तक सरकार द्वारा कोई फैसला नहीं लिया गया है। अखाड़ा परिषद लगातार कुंभ को भव्य और सुंदर तरीके से मनाने की मांग कर रहा है।

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और महामंत्री ने प्रयागराज में हो रहे माघ मेले की तर्ज पर अखाड़ों को टेंट लगाने की व्यवस्था करने की सरकार से मांग की है।

लेकिन अभी तक सरकार द्वारा इस मामले में कोई फैसला नहीं लिया गया है। इसी को लेकर आज अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की अहम बैठक नया उदासीन अखाड़े में की जाएगी।

इस बैठक में तमाम अखाड़ों के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। बैठक में कुंभ के स्वरूप को लेकर सभी साधु-संतों की चर्चा के बाद प्रस्ताव पास किए जाएंगे। सबसे अहम मुद्दा कुंभ के स्वरूप को लेकर ही देखने को मिल रहा है।

अखाड़ा परिषद कुंभ के स्वरूप को लेकर लगातार मुखर होता जा रहा है और सरकार से मांग कर रहा है कि सरकार खुद सामने आकर उसके स्वरूप के बारे में जनता और साधु-संतों को बताए।

लेकिन अभी तक सरकार द्वारा कुंभ का क्या स्वरूप होगा, इसको लेकर कोई फैसला नहीं किया गया है।संतों का कहना है कि कुंभ को लेकर अभी संत संतुष्ट नहीं है। क्योंकि अभी तक अखाड़ों को भूमि आवंटित नहीं कराई गई है। सभी अखाड़ों के संत संशय में हैं कि टेंट कहां लगायेंगे और सभी अखाड़ों की व्यवस्था किस स्थान पर रहेगी।

सरकार उदासीन है। संतों का कहना है कि देशभर में इतनी बड़ी-बड़ी रैलियां हो रही हैं। दिल्ली में किसानों का इतना बड़ा आंदोलन हो रहा है। वहां कोई कोरोना का खतरा नहीं है, लेकिन हरिद्वार में कोरोना फैल जाएगा। यह समझ नहीं आ रहा।

अंतिम वक्त में संतों को जमीन देंगे तो टेंट नहीं लग पाएंगे। अगर सरकार को कुंभ कराना है तो संतों को गाइडलाइन के अनुसार बता दें कि कुंभ कैसे किया जाएगा। सरकार को सभी अखाड़ों को जमीन दे देनी चाहिए। जिससे सभी अपनी व्यवस्था कर सकें।

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