जानें तनाव दूर करने के लिए करें कौन सी थैरेपी

तनाव और थकान को दूर करने के लिए अरोमाथैरेपी बहुत ही कारगर उपचार है। अरोमाथैरेपी दिमाग की कार्यविधि को बढ़ाती है और इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करती है। उपचार का यह तरीका बहुत पहले से प्रयोग होता आया है। दरअसल अरोमाथैरेपी प्राकृतिक तेलों के उपयोग से विभिन्न बीमारियों के उपचार की एक प्रभावकारी चिकित्सा पद्धति है। इसमें विभिन्न रोगों के इलाज के लिए औषधीय पौधों से निकाले गए सुगंधित तेल और अन्य पदार्थों का प्रयोग किया जाता है। यह विभिन्न रोगों से बचाव करती है और शरीर को स्वस्थ बनाती है।
अरोमाथैरेपी क्या है
अरोमाथैरेपी यानी सुगंध की चिकित्सा, इसमें सुगंध के माध्यम से रोगों का उपचार किया जाता है। इसके प्रयोग से शरीर को किसी प्रकार की एलर्जी नहीं होती है यानी यह शरीर को नुकसान पहुंचाए बिना बीमारियों से बचाती है। इसमें खुश्बू के द्वारा हमारे मस्तिष्क, स्नायुतंत्र, आदि को फायदा पहुंचता है। इसमें खुशबू वाली वस्तुएं शामिल की जाती हैं जैसे पेड़-पौधे, पत्तियां, जड़, तना, फल-फूल, कुछ सब्जियां, कुछ मसाले आदि। इसमें डिस्टीलेशन पद्धति द्वारा फल, फूलों का अर्क निकाला जाता है, इसी अर्क को एसेंशियल ऑयल कहते हैं और हर अर्क की अपनी अलग खुशबू और पहचान होती है। इन्हीं अर्क से दिए जाने वाले उपचार को अरोमाथैरेपी कहते हैं। अरोमाथैरेपी में प्रयोग होने वाले मुख्य ऑयल में गुग्गल, यूकेलिप्टस, जिरेनियम, लैवेंडर, गुलाब, वर्गमोट, जैस्मिन आदि प्रमुख हैं। तनाव से बचाए: फूलों की खुश्बू से तनाव अपने आप दूर हो जाता है। तनाव से बचने के लिए यह बहुत ही अच्छा उपचार है। यदि आप अकसर तनाव और अवसाद से ग्रस्त रहते हैं, तो अरोमाथैरेपी आपके लिए बहुत ही लाभदायक उपचार हो सकता है। इस उपचार के दौरान आपको कुछ पल के लिए सुकून और शांति मिलेगी ही साथ ही सुगंधित फूलों के साथ तेल की मालिश से आपका तनाव पल भर में छूमंतर हो जाएगा। इसलिए तनाव से ग्रस्त होने पर इस प्रक्रिया को आजमाएं।
शरीर में ऊर्जा का संचार: अरोमाथैरेपी से पूरे शरीर में ऊर्जा का संचार होता है और शरीर एक्टिव हो जाता है। अरोमाथैरेपी मानव मस्तिष्क में तत्काल बदलाव ले आती है। इसके अनुसार खुश्बू न केवल मन की स्थिति को बदलती है साथ में सुकून देती है और शरीर को ऊर्जावान बनाती है। हमारे मस्तिष्क में इस गंध को पहचानने वाले न्यूरोन्स होते हैं, ये न्यूरोन्स सुगंध के कारण मस्तिष्क को एनर्जेटिक बनाते हैं।
त्वचा में निखार: अरोमाथैरेपी कई प्रकार की त्वचा की समस्याओं का उपचार कर चेहरे पर निखार लाती है। झाइयों और आंखों के नीचे काले घेरे होने पर अरोमाथैरेपी प्रयोग कीजिए। यह चेहरे से कील मुंहासों को भी दूर करती है। त्वचा पर होने वाली खुजली और घमौरियों से भी अरोमाथैरेपी बचाती है।
माया इंटरनेशनल हिलिंग स्कूल की मुख्या ने बातचीत में बताया कि उनके यहां देश-विदेश से लोग अरोमाथैरेपी कराने आते हैं, जिससे उन्हें बहुत फायदा मिलता है। आजकल की भागदौड़ की जिंदगी में तनाव से मुक्ति के लिए ओरोमा थेरेपी बड़ी कारगर है। अरोमाथैरेपी एक प्रकार का प्राकृतिक उपचार है ,जिसके कई फायदे हैं। खांसी होने पर, कब्ज की शिकायत होने पर, पाचन क्रिया सुधारने के लिए इम्यून सिस्टम को सुचारू करने के लिए अरोमाथैरेपी बहुत ही फायदेमंद है। इसमें प्रयोग किए जाने वाले तेल और फूल शरीर को निरोगी बनाते हैं। जिन लोगों को डाइजेशन से संबंधित कोई समस्या है, तो इसमें अरोमाथैरेपी रामबाण का काम करती है।