पर्यटन को बढ़ावा देने को वन भूमि किया जाएगा हस्तांतरित

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देहरादून:  पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने साहसिक पर्यटन की संभावनाओं को तलाशने के उद्देश्य से सूर्यधार झील, इठारना मंदिर में चल रहे निर्माण कार्यों का जायजा लिया।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के घोषणा के अंतर्गत इठरना में एक अन्य कृत्रिम झील का निर्माण किया जा रहा है, जिसके लिए लगभग 25 लाख रुपए की धनराशि जारी की गई है।

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि क्षेत्र में साहसिक पर्यटन की गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इठरना मंदिर तक जाने वाले पुराने पैदल मार्ग को ट्रैक के रूप में विकसित किया जा सकता है।

इस के लिए पर्यटन विभाग इसे विकसित करने की योजना बना रहा है। साथ ही झील के पास ही जाखन नदी पर बने बैराज के ऊपर एक ग्लास ब्रिज के निर्माण की फीजिबिलिटी (क्षमता) की जांच करने के पश्चात निजी कंपनियों को आमंत्रित करने के उद्देश्य से शीघ्र ही अभिव्यक्तिओं की अभिरुचि (ईओआई) जारी की जाएगी।

उन्होंने बताया कि उत्तराखंड राज्य के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों को साहसिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए ट्रैकिंग ट्रैक्शन ग्रोथ सेंटर योजना संचालित की गई है।

जिसके अंतर्गत चिह्नित ट्रैक रूटों के निकट स्थित गांवों में नए होमस्टे निर्माण तथा पुराने ग्रामीण मकानों के पुनरुद्धार, शौचालय निर्माण आदि कार्यों के लिए आर्थिक सहायता दी जा रही है।

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि राज्य सरकार ने वन भूमि को पर्यटन विभाग को हस्तांतरित किए जाने का निर्णय लिया है।

पर्यटन विभाग की योजना इस भूमि पर एक अंतरराष्ट्रीय वैलनेस और कन्वेंशन सेंटर के निर्माण की है। जिसके लिए मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है।

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